पहलगाम आतंकी हमले पर अमेरिका की कड़ी प्रतिक्रिया: आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ

नई दिल्ली/वॉशिंगटन, 23 अप्रैल 2025 – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस नृशंस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी निंदा की जा रही है, खासकर अमेरिका ने इस पर तीव्र प्रतिक्रिया दी है और भारत के साथ एकजुटता दिखाई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर संवेदना व्यक्त की और भारत को “पूर्ण समर्थन” का आश्वासन दिया। व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में कहा गया कि अमेरिका भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के साथ खड़ा है और आतंकवाद के विरुद्ध किसी भी कार्रवाई में उसका समर्थन करेगा।
इस बीच, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने वाशिंगटन में एक प्रेस वार्ता में कहा, “यह हमला आतंकवाद का स्पष्ट रूप है। अमेरिका इस हमले को एक आतंकवादी हमला मानता है, न कि केवल उग्रवादियों की कार्रवाई। हम भारत के साथ खड़े हैं और आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी निंदा करते हैं।”
साथ ही, अमेरिकी कांग्रेस की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने मीडिया रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए। विशेष रूप से न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा हमलावरों को ‘मिलिटेंट्स’ कहने पर तीखी प्रतिक्रिया दी गई। कमेटी ने ट्वीट कर कहा, “यह एक आतंकवादी हमला था – स्पष्ट और सरल रूप में। मीडिया को जिम्मेदारीपूर्वक और सटीक शब्दावली का उपयोग करना चाहिए।”
अमेरिका ने इस हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के लिए यात्रा चेतावनी भी जारी की है और इसे “Level 4: Do Not Travel” श्रेणी में रखा है। इसका अर्थ है कि अमेरिकी नागरिकों को इस क्षेत्र की यात्रा से पूरी तरह बचने की सलाह दी गई है।
यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब भारत-पाकिस्तान संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना के बाद क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा नीति में बड़े बदलाव संभव हैं।
इस हमले की गंभीरता को देखते हुए, वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया बेहद अहम मानी जा रही है। अमेरिका द्वारा लिया गया यह सख्त रुख न केवल भारत के लिए समर्थन का संकेत है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकजुटता का भी प्रमाण है।