छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में राकेश टिकैत दिल्ली बॉर्डर की तरह लम्बा आंदोलन चला सकते हैं। इसका इशारा उन्होंने रायपुर दौरे में मीडिया से चर्चा में किया है। बुधवार को रायपुर पहुंचने के बाद उन्होंने नवा रायपुर में चल रहे आंदोलन के बीच मरने वाले किसान सियाराम के परिजनों से मुलाकात की। सियाराम पैदल यात्रा में शामिल हुए थे और अचानक तबियत बिगड़ने से उनकी बीच रास्ते में ही मौत हो गई थी।
टिकैत ने आगे कहा कि इस आंदोलन को कुचलने का प्रयास गलत है। यह परंपरा नहीं होनी चाहिए। प्रशासन को समझ आ गया कि लोग इकट्ठे होने वाले हैं, तब परमिशन धरने की दी गई। प्रेशर से आंदोलन खत्म नहीं होता। आंदोलन खत्म होता है बातचीत से। अगर किसानों की मांग पूरी नहीं होती है तो यह आंदोलन काफी लंबा चलेगा। नया रायपुर का आंदोलन दिल्ली से कमजोर नहीं है। इसके बाद टिकैत ने नवा रायपुर के किसानों के धरना स्थल जाकर आंदोलन में शिरकत की।