नवा रायपुर क्षेत्र के 27 गांवों के किसान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे को लेकर खासे उत्साहित हैं। उन्होंने मंत्रियों-अफसरों को पत्र लिखकर राहुल गांधी से चर्चा कराने की मांग की थी। बुधवार को उन्हें समझाने पहुंचने अफसरों के सामने आंदोलनकारी किसानों ने विकल्प रखे। बोले- या तो वे राहुल गांधी से मुलाकात की व्यवस्था कराएं। नहीं तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उन्हें मिलने के लिए बुला लें। ऐसा नहीं हुआ तो सभी 27 गांवों के लोग किसी न किसी तरह राहुल गांधी की सभा में जाकर अपनी मांग उठाएंगे।
आंदोलन का नेतृत्व कर रही नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने दैनिक भास्कर से चर्चा में बताया, उन लोगों ने तीन मंत्रियों, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों, NRDA प्रबंधन और रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर राहुल गांधी से चर्चा के लिए समय दिलाने की मांग की थी। हमने कहा था कि केवल 10 लोगों का प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्या बताने के लिए उनसे मिलना चाहता है। अभी तक इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया। बुधवार को पुलिस और जिला प्रशासन के आधा दर्जन अफसर आंदोलन स्थल पर पहुंचे थे। वे भी कोई प्रस्ताव लेकर नहीं आए थे। उन लोगों का कहना था कि वे किसानों का मन जानने आए हैं।
रूपन चंद्राकर ने कहा, किसानों की ओर से अफसरों को तीन विकल्प दिए गए। पहला यह कि वे लोग राहुल गांधी से मुलाकात का समय दिला दें। दूसरा, रात 12 बजे तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिल लें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो तीसरे विकल्प के तौर पर नई राजधानी प्रभावित 27 गांवों के किसान किसी न किसी तरह से राहुल गांधी की सभा में पहुंचेगा। वहां अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेगा। इस तरह की बातचीत के बाद प्रशासनिक अधिकारी लौट गए हैं।
किसानों के नेता रूपन चंद्राकर ने कहा, उन लोगों को अब केवल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ही भरोसा है। उनकी सुनवाई के लिए नियुक्त तीनों मंत्रियों पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है। उन लोगों ने न्याय की बात की होती तो पहले दिन की चर्चा में ही समाधान निकल गया होता। अब यह मुख्यमंत्री पर है कि हम लोगों को न्याय कब तक मिल पाता है।
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