न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अकलतरा न्यायालय श्रीमान आनंद बोरकर द्वारा फर्जी हस्ताक्षर कर रकम आहरण करने वाले आरोपी साहेबलाल को विभिन्न धाराओं में 02-02 वर्ष कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई।
वर्ष 2013 में आरोपी साहेबलाल ने अपने सगे भाई गोरेलाल के नाम से स्वयं को गोरेलाल के रूप में प्रस्तुत कर लक्ष्मीप्रसाद की पहचान पर सहकारी बैंक शाखा अकलतरा में खाता खुलवाकर गोरेलाल के नाम से जारी चेको के माध्यम से स्वयं गोरेलाल बनकर रकम आहरण किया जिसकी शिकायत प्रार्थी द्वारा करने पर थाना अकलतरा द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना पूर्ण कर धारा 420,467,468,471,34 भादवि के तहत न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय अकलतरा में चालान 2013 में पेश किया गया।
विचारण के दौरान प्रार्थी गोरेलाल द्वारा आरोपीगण से राजीनामा कर लिया गया जिसके बयान के आधार समस्त धाराओं से वर्ष 2016 में आरोपीगणों को दोषमुक्त कर दिया गया उक्त निर्णय के विरुद्ध सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी अकलतरा एस.अग्रवाल द्वारा माननीय सत्र न्यायालय जांजगीर में अपील हेतु प्रस्ताव भेजा गया माननीय अपील न्यायालय ने अभियोजन की अपील स्वीकार कर प्रकरण पुनः विचारण हेतु न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय अकलतरा भेजा।
अकलतरा न्यायालय में पुनः विचारण दौरान अभियोजन की ओर से आवेदन देकर धारा 419 भादवि भी जुड़वाई गई जिसके बाद प्रार्थी द्वारा पुनः राजीनामा आवेदन पेश किया गया विचारण दौरान प्रार्थी गोरेलाल ने न्यायालय में उसके द्वारा की गई शिकायत के विपरीत कथन किया जिसके विरुद्ध पृथक से झूठा कथन करने की कार्यवाही संस्थित करने हेतु अभियोजन की ओर से धारा 344 दप्रस के तहत आवेदन भी प्रस्तुत किया गया,समस्त गवाहों के परीक्षण प्रति परीक्षण बाद न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय अकलतरा श्रीमान आनंद बोरकर द्वारा आरोपी साहेबलाल को दोषी पाते हुए धारा 467,468,471भादवि के तहत सभी धाराओं में 02-02 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई अर्थदंड की राशि अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास का आदेश दिया।
मामले में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी एस. अग्रवाल ने की।