प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा को पर्सनली फोन किया है। हुड्डा ने अपनी कैंसर पीड़ित बहन की गुहार शेयर करते हुए पीएम से दखल की मांग की थी। जनरल के ट्वीट करने के 3 घंटे के भीतर उन्हें पीएम मोदी का फोन आया। जनरल के अनुसार, पीएम मोदी ने उनसे बहन का कुशलक्षेम पूछा और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। ले. जनरल (रिटा.) हुड्डा ने लिखा है कि वह पीएम के निजी दखल पर गर्व महसूस कर रहे हैं।
सेना में करीब चार दशक बिताने वाले जनरल हुड्डा नवंबर 2016 में रिटायर हुए। वह भारतीय सेना की उत्तरी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ रहे। 2016 में उन्हीं की देखरेख में भारतीय सैनिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। उरी आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक में नियंत्रण रेखा के पार कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत की पूर्वी और उत्तरी, दोनों सीमाओं पर सेवाएं देने वाले जनरल हुड्डा का आर्मी करिअर के दौरान मानवाधिकार पर जोर रहा। वह परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, ऑपरेशन पराक्रम मेडल, ऑपरेशन विजय मेडल समेत कई अवार्ड्स से सम्मानित हैं।
पीएम ने खुद फोन करके दिया मदद का भरोसा, भावुक रिटायर्ड जनरल से बोले लोग- मोदी के लिए देश पहले
2019 में कांग्रेस ने ली थी मदद
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का विजन डॉक्युमेंट तैयार करने में मदद की थी। तब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने जनरल से मुलाकात की थी। कांग्रेस ने ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर हुड्डा के नेतृत्व में एक पैनल का गठन किया था। करीब एक महीने बाद जनरल साहब ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। उस वक्त केंद्रीय मंत्री रहे दिवंगत अरुण जेटली ने तंज कसते हुए कहा था कि ‘यह आश्चर्यजनक है कि आधी सदी तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पाठ पढ़ना पड़ रहा है।’
कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया जाता रहा है। दिसंबर 2018 में हुड्डा ने भी एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मेरे ख्याल से हमें सर्जिकल स्ट्राइक को सीक्रेट रखना चाहिए था।