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Omicron Alert: देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री, संपर्क में आए पांच लोग भी संक्रमित

दुनिया के कई देशों में सामने आ रहे कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन दहशत मचा दी है। अब देश में भी ओमिक्रॉन की एंट्री हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में ओमिक्रॉन के दो मामले सामने आए हैं। दोनों मामले कर्नाटक मे मिले हैं। इनमें एक संक्रमित की उम्र 66 और दूसरे की 46 साल है। उनके सभी संपर्कों की पहचान कर ली गई है और उनकी निगरानी की जा रही है। प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि दोनों संकमितों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इनके संपर्क में आए पांच लोगों की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनके सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।

बुधवार रात मिली दोनों की रिपोर्ट
इनकी रिपोर्ट बुधवार को देर रात मिली। दोनों का इलाज चल रहा है और उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। स्वास्थ्य  मंत्रालय ने कहा कि हमें डर या भय का माहौल नहीं बनाना है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वैक्सीन को अपनाना है। सरकार हालत पर नजर बनाए हुए है। 

आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्थापित 37 प्रयोगशालाओं के इंसाकॉग (INSACOG) कंसोर्टियम के जीनोम सीक्वेसिंग के जरिए कर्नाटक में अब तक ओमिक्रॉन के दो मामलों का पता चला है। हमें घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन जागरूकता बेहद जरूरी है। कोविड सम्मत व्यवहार की आवश्यकता है। 

अब तक गंभीर लक्षण नहीं मिले
इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का अब तक कोई गंभीर लक्षण नहीं मिला है। सभी ओमिक्रॉन संबंधित मामलों में अब तक हल्के लक्षण पाए गए हैं। देश और दुनिया भर में अब तक ऐसे सभी मामलों में कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि सामने आ रहे सबूतों का अध्ययन किया जा रहा है। लगभग 29 देशों में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के 373 मामले दर्ज किए गए हैं।  

सावधानीपूर्वक हो रही जांच
नीती आयोग के सदस्य- स्वास्थ्य वीके पॉल ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है, इसके आधार पर निर्णय लेंगे। हमारे तकनीकी और वैज्ञानिक हलकों में इस पर चर्चा चल रही है।  

यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूरी 
लव अग्रवाल ने कहा कि जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को भारत आने पर आरटी-पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा। यदि कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं, तो उनका इलाज प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा। यदि संक्रमित नहीं पाए गए तो 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करेंगे। 

यूरोप में कोरोना के सबसे अधिक मामले
लव अग्रवाल ने कहा कि दुनिया भर में समग्र रूप से देखे जा रहे मामलों में सबसे अधिक वृद्धि यूरोप में हुई है। यहां पिछले एक सप्ताह में दुनिया के 70 फीसदी मामले सामने आए हैं। 28 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यूरोपीय क्षेत्र में लगभग 2.75 लाख नए मामले और 31,000 से अधिक मौतें दर्ज की गईं। 

इसकी तुलना में दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र जिसमें भारत और 11 अन्य देश शामिल हैं, वहां पिछले एक सप्ताह में केवल 1.2 लाख मामले दर्ज किए गए। दुनिया के कुल मामलों का केवल 3.1 फीसदी है। दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में मामलों में कमी दर्ज की जा रही है।  

केरल-महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले
लव अग्रवाल ने कहा कि देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। हालांकि दो राज्यों में अभी भी संक्रमण के आंकड़े अधिक हैं। केरल और महाराष्ट्र दो ऐसे राज्य हैं जहां 10,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। देश के 55 फीसदी मामले इन दो राज्यों में दर्ज किए गए हैं।

टीकाकरण की रफ्तार बढ़ रही है
लव अग्रवाल ने कहा कि टीकाकरण की दूसरी खुराक में वृद्धि हुई है। देश भर में टीकाकरण की संख्या बढ़ाने के लिए कई पहल की गई हैं। यूरोप क्षेत्र में बढ़ रहे कोरोना वायरस मामलों की संख्या, वैश्विक कोविड 19 मामलों के 70 फीसदी इसी क्षेत्र में दर्ज किए गए हैं। वहीं, नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य वीके पॉल का कहना है कि कोविड 19 वैक्सीन को तेजी से लिया जाना समय की मांग है, पूरी तरह से टीकाकरण में देरी न करें। 

बूस्टर डोज पर कही ये बात 
डॉ. वी के पॉल ने कहा कि बूस्टर डोज देने के संबंध में वैज्ञानिक तर्क यह है कि किस समय, कौन सा टीका दिया जाए, इसकी जांच की जा रही है। वर्तमान में हमारी प्राथमिकता बहुत स्पष्ट है, सभी वयस्कों को दोनों खुराक के साथ टीकाकरण का कार्य पूरा किया जाए।  

WHO ने जताई चिंता
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण-पूर्व एशिया) डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि भारत में आज ओमिक्रॉन वैरियंट की पुष्टि हुई है। दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के यह पहले दो मामले हैं। आपस में जुड़ी दुनिया को देखते हुए अप्रत्याशित नहीं है। हमें इसकी उम्मीद थी। यह सभी देशों को निगरानी बढ़ाने, सतर्क रहने और किसी भी आयात का तेजी से पता लगाने और वायरस के आगे प्रसार को रोकने के उपाय करने का समय है। आमिक्रॉन सहित सभी वैरिएंट के लिए प्रतिक्रिया उपाय, अन्य वैरिएंट के समान हैं।

साभार:- अमर उजाला

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