पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर मंगलवार को विराम लगाते हुए साफ कर दिया कि वह नवंबर में अपनी अलग पार्टी का एलान कर देंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी पार्टी में उन सीनियर टकसाली नेताओं को तरजीह देंगे, जो अपने दलों से अलग हो चुके हैं।
यह भी कहा है कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को छोड़ किसी भी अन्य दल से गठबंधन करने का विकल्प खुला रखेगी। अगर भाजपा, अकाली दल और अन्य दलों से अलग हुए नेता उनकी पार्टी में आते हैं तो इस तरह एक नया राजनीतिक मंच प्रदेश की जनता के सामने मजबूत विकल्प के रूप में पेश होगा, जो पंजाब को नई दिशा देने में भी समर्थ होगा।
उल्लेखनीय है कि गत माह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सियासी हलकों में कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इन कयासों को उस समय और बल मिला जब कैप्टन ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह समेत कई सीनियर भाजपा नेताओं से मुलाकात की।
चुनाव से पहले और बाद में करेंगे अन्य दलों से गठबंधन
मंगलवार को कैप्टन की ओर से भाजपा से गठबंधन किए जाने के संकेतों ने फिर से नए समीकरणों पर चर्चा शुरू कर दी। कैप्टन का कहना है कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले ही उनकी पार्टी राज्य में पूरी तरह सक्रिय हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नई पार्टी के प्रत्याशियों का एलान भी चुनाव नजदीक आते ही कर दिया जाएगा। अन्य दलों के गठबंधन के बारे में उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि ऐसा गठबंधन चुनाव से पहले भी हो सकता है और चुनाव के बाद भी।
जल्द ढूंढ लिया जाएगा कृषि कानूनों का हल: कैप्टन
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को दिल्ली पहुंचे। हालांकि पिछली यात्रा की तरह ही इस बार भी उनकी यात्रा को निजी यात्रा बताया जा रहा है लेकिन हाल ही में एक इंटरव्यू में कैप्टन द्वारा यह भरोसा जताए जाने पर कि तीन कृषि कानूनों का हल जल्द ही ढूंढ लिया जाएगा, पंजाब की सियासत में नए सिरे से अटकलों ने जन्म ले लिया है। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद बीते एक माह के दौरान कैप्टन का यह तीसरा दिल्ली दौरा है।
अपने पहले दिल्ली दौरे के समय वह गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे, जबकि दूसरे दौरे के दौरान वह अपनी सांसद पत्नी परनीत कौर के सरकारी आवास पर ठहरे थे। इस बार भी कैप्टन के केंद्रीय मंत्रियों से मिलने की संभावना है। माना जा रहा है कि कैप्टन पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर नए धरातल की तलाश में हैं। इस दौरान अगर वह तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का केंद्र पर दबाव बनाने में सफल हुए तो संभव है कि कैप्टन भाजपा में दिखाई दें। वैसे उन्होंने एलान कर दिया है कि वह कांग्रेस छोड़ेंगे लेकिन भाजपा में नहीं जाएंगे।