छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उत्तर प्रदेश के दौरे का पक्ष लिया है. मंत्री टीएस सिंह देव ने सीएम के यूपी दौरे का पक्ष लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को यूपी के पर्यवेक्षक के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है और अगर यूपी में कुछ होता है, सीएम का वहां जाना जरुरी है क्योंकि उन्हें उस राज्य का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है.
टीएस सिंहदेव ने लिया सीएम का पक्ष
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में दो गुटों में हुई मारपीट के बाद माहौल तनावग्रस्त बना हुआ है. हिंसक झड़प के बाद कर्वधा जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है. वहीं कवर्धा की घटना की ”मुख्यमंत्री को यूपी के पर्यवेक्षक के रूप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है और अगर यूपी में कुछ होता है तो उनका दौरा जायज है. इसके साथ ही कवर्धा में हिंसा के मामले को लेकर टीएस सिंह देव ने कहा कि मुख्यमंत्री और मैं लगातार इस मामले को लेकर जिला प्रशासन के संपर्क में है और स्थिति काबू में लाने के प्रयास जारी है.”
रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष से करूंगा बात
कवर्धा की घटना पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि कवर्धा को लेकर वह पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से बात भी की है और वो नेता प्रतिपक्ष और बृजमोहन अग्रवाल से भी बात करेंगे. टीएस सिंह देव ने कहा कि शांति व्यवस्था कायम करना हर राजनैतिक दल के मुखिया की जिम्मेदारी है. कवर्धा में जिन लोगों ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया उनकी तलाश की जा रही है. ये दोष यह जिम्मेदारी उन लोगों के ऊपर जाती है जोकि बात को बड़ा कर किसी तरीके से लाभ लेना चाहते हैं.
क्या है कवर्धा की घटना
दरअसल, कवर्धा में 3 अक्टूबर की शाम को हुई दो पक्षों में मारपीट के बाद शहर का माहौल पूरी तरह से बिगड़ गया था. जिसके चलते जिला प्रशासन ने पूरे जिले में धारा-144 लागू कर दी. वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर ने रविवार को ही स्कूल-कॉलेज बंद करने की घोषणा कर चार अन्य जिला रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बेमेतरा से बड़ी संख्या में पुलिस बल और जवानों को बुलाकर तैनात करवाया है. को बुलाया लिया गया था. पुलिस लगातार पेट्रोलिंग कर रही है. पुलिस कुछ उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है.
ट्रांसफर का पावर कमेटी के पास
इसके अलावा मंत्री टीएस सिंहदेव ने रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह के नेतृत्व में अपनी ही पार्टी के शिक्षा मंत्री पर ट्रांसफर नीति के आरोप लगाने के मामले में बड़ा बयान दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दुर्व्यवहार करना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. जो भी ट्रांसफर हो रहे हैं मुख्यमंत्री के समिति कोडिशन कमेटी के द्वारा की जाती है. जिसकी अगुवाई मुख्यमंत्री खुद करते हैं. वही कमेटी के पास यह पावर होता है कि किस का ट्रांसफर कहा करना है. वैसे भी छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर करने पर तो बैन लगा हुआ है. समझदार और जानकार व्यक्तियों को मुख्यमंत्री के पास जाना चाहिए. वहीं इस घटना के बाद सिंहदेव ने कहा कि घर की नीलामी सार्वजनिक तौर पर करना चाहेंगे या उसके सम्मान को इस तरह से बिखरना देना चाहेंगे तो विपक्ष को इसका लाभ मिलेगा और पार्टी के नेताओं को इस प्रकार के बयान देने से पहले सोचना और समझना चाहिए.
साभार:- ज़ि न्यूज़