दुर्घटना के बाद होने वाली मौतों को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। दुर्घटना में घायल को अगर कोई भी एम्बुलेंस चालक उसे अस्पताल पहुंचाएंगे तो उन्हें सरकार की ओर से दुर्घटनास्थल से लेकर अस्पताल पहुंचाने का किराया दिया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा चालकों को यह राशि सड़क सुरक्षा निधि से दी जाएगी। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाने के कारण देश में सबसे अधिक बिहार में मौत हो रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बिहार में सड़क दुर्घटना के बाद 72 फीसदी लोगों की मौत हो जा रही है। जबकि देश के अन्य राज्यों केरल में 10.8 फीसदी, कर्नाटक में 27 फीसदी, उत्तरप्रदेश में 53 फीसदी, मध्यप्रदेश में 22 फीसदी तो तामिलनाडू में मात्र 18.4 फीसदी ही मौतें होती है। वर्ष 2019 के आंकड़ों के अनुसार बिहार में 10007 सड़क दुर्घटना में 7205 लोगों की मौतें हुई। Also Read – दिल्ली: कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली बीजेपी पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप इन मौतों को कम करने के लिए परिवहन विभाग ने तय किया है कि दुर्घटना में हुए घायलों को अविलंब अस्पताल पहुंचाया जाए। सरकारी या सरकार से सम्बद्ध एम्बुलेंस चालकों की ओर से अस्पताल पहुंचाने का मानक तय है। लेकिन अज्ञात चालक अगर पहुंचाएं तो उन्हें कोई राशि देने का प्रावधान नहीं है। इसलिए विभाग ने तय किया है कि कोई भी एम्बुलेंस चालक अगर सड़क दुर्घटना के घायलों को निकटतम अस्पताल पहुंचाएगा तो उसे सरकार की ओर से निर्धारित किराया दिया जाएगा। विभाग की कोशिश है कि वह इस पहल से सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को कम कर सके।
