बिहार के दरभंगा ब्लास्ट का मास्टरमाइंड कैराना का सलीम था। उसकी पाकिस्तान में बैठे आईएसआई से रोजाना बातचीत होती थी। वह साधारण मोबाइल ही रखता था ताकि किसी को शक न हो। ब्लास्ट से पहले कपड़ों की पोटली का एक फोटो सलीम ने अपने दोस्त कासिम के मोबाइल से भेजा था। ब्लास्ट की पूरी साजिश सलीम ने रची और तेलंगाना तक अपना जाल फैलाया। एनआईए ने मामले की छानबीन की और कई महत्वपूर्ण सुबूत जुटाए।
शामली के कैराना निवासी सलीम और कासिम को पकड़कर एनआईए की टीम अपने साथ ले गई थी। दोनों का कनेक्शन पाकिस्तान से जुड़ा है और उनकी बिहार के दरभंगा ब्लास्ट के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका थी। एनआईए ने पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों से काफी जानकारी जुटाकर तेलंगाना के दो युवक इमरान और नावेद को भी पकड़ा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दरभंगा ब्लास्ट का मास्टरमाइंड सलीम था और उसने बड़ी प्लानिंग करके वारदात को अंजाम दिलाया। उसके पास एक साधारण मोबाइल है, जिसमें इंटरनेट नहीं चलता। व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्ट्राग्राम पर मैसेज भेजने के लिए सलीम ने सबसे पहले अपने दोस्त कासिम को जोड़ा। सलीम ही आईएसआई से फोन पर बात करता था, अगर कोई मैसेज भेजना होता था तो कासिम के मोबाइल से भेजा जाता था।
17 जून को दरभंगा ब्लास्ट से पहले भी सलीम ने एक मैसेज आईएसआई को भेजा था। यह कपड़ों की पोटली का था। जांच में सामने आया कि तेलंगाना के दोनों युवक मूल रूप से कैराना के निवासी है। इनसे सलीम जुड़ा हुआ था। सलीम ने तेलंगाना के युवकों से फोन पर बातचीत की और फिर वारदात को अंजाम दिया।
आईएसआई से ओके किया, तभी रखा बम
सूत्रों के मुताबिक, सलीम ने दरभंगा ब्लास्ट से पहले जो मैसेज आईएसआई को भेजा था, इसका जवाब आईएसआई से ओके आया था। इसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया। बताया गया कि दरभंगा पर ब्लास्ट करने की बात सलीम ने ही आईएसआई से कही थी। इस मामले में पुलिस एक के बाद एक पोल खोल रही है।
कितने की हुई फंडिंग, जल्द खुलेगा राज
बताया गया है कि आईएसआई से सारी फंडिंग सलीम के माध्यम से हुई है। सलीम जिस-जिस को पैसा भेजने की बात कहता था, आईएसआई उनको ही पैसा देती थी। दरभंगा ब्लास्ट में करोड़ों रुपये की फंडिंग होने का अंदेशा है। इस मामले की सुरक्षा एजेंसियां जांच करने में लगी हुई है। जांच टीम ने सलीम के बैंक खातों के बारे में ब्योरा मांगा है।
एनआईए की टीम का पश्चिमी यूपी में डेरा
दरभंगा ब्लास्ट के मामले में कैराना के युवकों की गिरफ्तारी के बाद एनआईए की टीम ने पश्चिमी यूपी के जिलों में डेरा डाल दिया है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली व सहारनपुर में भी एनआईए जांच कर रही है। बताया गया है कि आरोपियों ने कई जानकारियां दी हैं।
इसे देखते एनआईए मेरठ समेत आसपास के कई जिलों में जांच करने में लगी है। हालांकि एनआईए अभी गोपनीय तरीके से मामले की छानबीन कर रही है। अंदेशा है कि पश्चिमी यूपी के कई लोगों की भूमिका संदिग्ध है। मेरठ में भी कई युवकों की जांच चल रही है।