नए आईटी नियमों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और भारत सरकार के बीच लगातार विवाद जारी है। वहीं इस बीच सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संसद की स्थायी समिति ने मंगलवार को बैठक बुलाई। बैठक के बाद संसदीय स्थायी समिति ने गूगल और फेसबुक के अधिकारों को भारत के आईटी नियमों का पालन करने का निर्देश दिया है।
वहीं संसद की स्थायी समिति की बैठक में समिति के सामने गूगल के अधिकारी ने भी जवाब दाखिल किया है। जनवरी और मार्च 2021 के बीच यूट्यूब ने अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 95 लाख से अधिक वीडियो हटा दिए। इनमें से 95 फीसदी वीडियो पहले इंसानों के बजाय मशीनों द्वारा फ्लैग किए गए थे। मशीनों द्वारा पता लगाए गए लोगों में से 27.8 फीसदी को एक बार भी नहीं देखा गया।
इसी तिमाही के दौरान यूट्यूब ने अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए 22 लाख से अधिक चैनलों को समाप्त कर दिया। इसी अवधि में यूट्यूब ने 1 अरब से अधिक टिप्पणियों को हटा दिया, जिनमें से अधिकांश स्पैम थीं और ऑटोमेटिक रूप से पहचानी गईं।
बता दें कि फेसबुक और गूगल के अधिकारियों को इस समिति ने समन किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इस समिति के अध्यक्ष हैं। फेसबुक के भारत में लोक नीति निदेशक शिवनाथ ठुकराल और जनरल काउन्सल नम्रता सिंह ने समिति के समक्ष अपनी बात रखी। संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सोशल मीडिया/ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग को रोकना था।
ट्विटर बताए केंद्रीय मंत्री का खाता बंद क्यों किया: स्थायी समिति
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट लॉक होने पर संसदीय समिति ने 2 दिन के भीतर ट्विटर से जवाब मांगा है। बता दें कि ट्विटर ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट 25 जून की सुबह एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। ट्विटर के इस कार्रवाई पर रविशंकर प्रसाद ने नाराजगी प्रकट की थी। वहीं ट्विटर ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा था कि केंद्रीय मंत्री ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन किया है। हालांकि बाद में ट्विटर ने चेतावनी देते हुए रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को फिर से खोल दिया।