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देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना वायरस की तीसरी लहर का कारण बनेगा या नहीं, इन तीन बातों पर है निर्भर, एक्सपर्ट की राय

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के साथ ही डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है. आम आदमी जब इस बात से राहत में था कि कोरोना संक्रमण के मामले घट रहे हैं डेल्टा प्लस वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है. एक्सपर्ट अभी इस बात से इनकार कर रहे हैं कि देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बनेगा.

हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आफ इम्यूनाइजेशन के चीफ डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि डेल्टा प्लस को कोविड के तीसरे वेव से जोड़ना अभी जल्दबाजी होगी लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नये वैरिएंट के कारण वेव आ रहे हैं इसलिए इस बात से इनकार भी नहीं किया जा सकता है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना के थर्ड वेव का कारण बने.

डेल्टा प्लस वैरिएंट कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से म्यूटेशन के बाद बना है. अभी देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट 12 राज्यों में फैला है और इसके 51 मरीज देश में हैं. बताया जा रहा है कि वैरिएंट इंसान के इम्यून सिस्टम से बचकर शरीर में प्रवेश कर जाता है. डेल्टा प्लस पर वैक्सीन का क्या प्रभाव है इसे लेकर अभी दावे के साथ कुछ भी नहीं कहा जा रहा है. हालांकि राजस्थान से एक केस आया है जिसमें एक 65 वर्षीय महिला जिनकी कोविड से रिकवरी हुई थी और वैक्सीन के दोनों डोज भी ले चुकी थीं, डेल्टा प्लस वैरिएंट की शिकार हो चुकी हैं.

सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि दूसरी लहर में कितनी आबादी कोरोना संक्रमित हुई. डॉ अरोड़ा ने कहा कि अगर दूसरी लहर में बड़ी आबादी संक्रमित हुई है तो तीसरी लहर में इस वायरस के संक्रमण से सर्दी-खांसी जैसी समस्याएं होंगी कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी.

दूसरी बात यह है कि अगर वैक्सीनेशन इसी रफ्तार से होता रहा जैसे की अभी हो रहा है तो कोरोना की तीसरी लहर आने तक देश की आबादी का बड़ा हिस्सा वैक्सीनेट हो जायेगा, ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर वो असर पैदा नहीं कर पायेगी, जिसका लोगों में डर है. डॉ अरोड़ा ने बताया कि ICMR की स्टडी के अनुसार तीसरी लहर के देर से आने की संभावना है. हमारे पास देश में हर किसी का टीकाकरण करने के लिए 6-8 महीने के समय है. हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन देना है.

तीसरी बात जिसपर हर एक्सपर्ट जोर दे रहा है और वह यह है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन. अगर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सही व्यवहार यानी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता का खास ख्याल रखा जाये, तो कोरोना वायरस के किसी भी वैरिएंट से बचाव होता है.

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