भारत से टकराने के लिए पाकिस्तान के हमेशा से नए नए पैंतरे आजमाता रहा है लेकिन भारत के सामने उसके एक न चली। भारत ने पिछले कुछ सालों में रक्षा संबंधी ताकतों में काफी इजाफा किया है, उसके तहत भारत के पास राफेल लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल हो चुका है। भारतीय वायुसेना के इस विमान से टकराने के लिए पाकिस्तान ने अपनी कमर कसना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान के लड़ाकू विमान जेएफ-17 इस दिनों तुर्की में हैं। जहां तुर्की में अन्य देशों के राफेल लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास कर रहे हैं। सिर्फ इसी लड़ाकू विमानों के साथ पाकिस्तान वायुसेना अभ्यास नहीं कर रही बल्कि मिग-29 लड़ाकू विमान के साथ भी जंग का अभ्यास कर रही है जो भारतीय वायुसेना के प्रमुख लड़ाकू विमानों में एक है।
पाकिस्तान जिन राफेल लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास कर रहा है वह कतर की वायुसेना के हैं जिसे उसने फ्रांस से खरीदा है। ये राफेल विमान इन दिनों तुर्की में चल रहे एक हवाई अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं।
तुर्की का झुकाव हमेशा से पाकिस्तान की तरफ रहा है। इसी के चलते तुर्की पाकिस्तान को जंग की तैयारी कराता रहा है। इस युद्धाभ्यास में कतर के 4 राफेल फाइटर जेट, अजरबैजान के दो मिग-29 और पाकिस्तान के 5 जेएफ-17 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं।
इस दौरान पाकिस्तानी वायुसेना के पायलट राफेल और मिग-29 दोनों से ही जंग का अभ्यास कर रहे हैं। इन लड़ाकू विमानों के साथ अभ्यास करने से पाकिस्तान को विमानों के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। जो भारत के लिए सही नहीं है।
सभी पायलट बिल्कुल युद्ध की तरह कर रहे अभ्यास
तुर्की की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह युद्धाभ्यास तीन जुलाई तक चलेगा। तुर्की का दावा है कि इस युद्धाभ्यास का मकसद एक-दूसरे से सीखना है। साथ ही एक-दूसरे को जानकारी, युद्धकौशल और अनुभवों को बांटना है। सभी पायलट इस अभ्यास के दौरान बिल्कुल युद्ध जैसी परिस्थितियों में अभ्यास कर रहे हैं। ताकि प्रशिक्षण के स्तर को बढ़ाया जा सके। इस अभ्यास में बांग्लादेश, बेलारूस, बुल्गारिया, जार्जिया, इराक, स्वीडन, कोसोवो, मलेशिया, ओमान, जॉर्डन और जापान को पर्यवेक्षक देश का दर्जा हासिल है।