
देश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दूसरी लहर के पीक से अब तक रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या में 85% कमी आई है। इन्फेक्शन रेट में भी लगातार कमी आई है। 75 दिनों बाद यह स्थिति बनी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने मंगलवार को बताया कि पहली लहर में 1 से 10 साल उम्र के 3.28% बच्चे संक्रमण की चपेट में आए थे। दूसरी लहर के दौरान यह आंकड़ा 3.05% रहा। पहली लहर में 11 से 20 साल उम्र के 8.03% और दूसरी लहर में 8.5% लोग संक्रमित हुए।
अब तक 26 करोड़ लोगों को टीका लगा
लव अग्रवाल ने बताया कि अब तक देश में 26 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन एडिशनल टूल है। सभी को मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन करना चाहिए। सफर करने से जितना हो सके बचें।
भारत में बनेगी नोवावैक्स की वैक्सीन
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि नोवावैक्स के ट्रायल के नतीजे आशाजनक हैं। हम पब्लिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों से सीख रहे हैं कि यह टीका बहुत सुरक्षित और प्रभावी है। इसका उत्पादन भारत में किया जाएगा। अभी क्लीनिकल ट्रायल किए जा रहे हैं। ये एडवांस्ड स्टेज में हैं।
डेल्टा प्लस वैरिएंट पर और स्टडी की जरूरत
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि दूसरी लहर के पीछे डेल्टा वैरिएंट का बड़ा रोल था। इस वैरिएंट के एडिशनल म्यूटेशन डेल्टा प्लस का पता लगाया गया है। इसे ग्लोबल डेटा सिस्टम को सब्मिट किया गया है। यह मार्च से यूरोप में देखा गया है और 13 जून को पब्लिक डोमेन में लाया गया था।
डेल्टा प्लस वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट है। इसे अब तक वैरिएंट ऑफ कंसर्न के रूप में क्लासीफाइड नहीं किया गया है। पब्लिक डोमेन में मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, यह वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के इस्तेमाल को खत्म करता है। हम इस वैरिएंट के बारे में और ज्यादा स्टडी करेंगे।
लापरवाही से हालात फिर बिगड़ सकते हैं
डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट 2020 के मुकाबले ज्यादा चालाक हो गया है। अब हमें ज्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है। हमें ज्यादा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। मास्क लगातार पहने रखना होगा। इसके बिना हालात फिर खराब हो सकते हैं।