5 राज्यों के चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। चार मई से 35 दिनों में पेट्रोल 4 रुपये 91 पैसे उछल चुका है, वहीं इस अवधि के दौरान डीजल 5 रुपये 49 पैसे महंगा हो चुका है। आज यानी सोमवार को पेट्रोल 28 पैसे तक और डीजल 27 पैसे तक महंगा हुआ है। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। दिल्ली में अब पेट्रोल 95.31 रुपये और डीजल 86.22 रुपये पर पहुंच चुका है।
स्थानीय करों मसलन मूल्य वर्धित कर (वैट) तथा ढुलाई भाड़े की वजह से विभिन्न राज्यों में ईंधन के दाम भिन्न-भिन्न होते हैं। वाहन ईंधन की खुदरा कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने की वजह से ऊपर जा रही हैं। चार मई के बाद पेट्रोल कई शहरों में शतक लगा चुका है और डीजल पहली बार सेंचुरी के करीब है। महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश समेत 7 राज्यों में पेट्रोल 100 के पार चला गया है। मुंबई, रत्नागिरि, परभणी, औरंगाबाद, जैसलमेर, गंगानगर, बांसवाड़ा, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, रीवा, गुंटूर और काकीनाड़ा में पेट्रोल की कीमत 100 के पार चली गई है। मुंबई देश का पहला महानगर है, जहां 29 मई को पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के ऊपर पहुंचा था। मुंबई में इस समय पेट्रोल 101.52 रुपये और डीजल 93.58 रुपये प्रति लीटर है।
पेट्रोल-डीजल के महंगे होने की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में तेजी और टैक्स है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड जो गुरुवार को 0.06% की मामूली गिरावट के साथ 71.31 डॉलर प्रति बैरल पर था, शुक्रवार को 0.81% बढ़कर 71.89 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। हालांकि सोमवार को शुरुआती कारोबार में यह 0.56% गिरकर 71.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वहीं भारत में टैक्स के कारण ईंधन की खुदरा कीमतें भी अधिक हैं। एक जून के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल पर 34.8% केंद्रीय शुल्क है वहीं, 23.08% वैट के रूप में राज्य सरकार का टैक्स है। डीजल पर केंद्रीय कर 37.24 प्रतिशत से अधिक हैं, जबकि राज्य कर लगभग 14.64 प्रतिशत हैं। 2020 में जैसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरीं, केंद्र सरकार ने अपने खाजाने को भरने के लिए ईंधन पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया।
साभार : लाइव हिनुस्तान