
पंजाब में टीकाकरण नीति में परिवर्तन कर दिया गया है। निजी अस्पतालों में दोगुने दाम पर कोरोना वैक्सीन बेचने के मामले में विपक्ष के जबरदस्त विरोध का सामना कर रही पंजाब सरकार शुक्रवार को बैकफुट पर आ गई। कोविड-वैक्सीन के राज्य प्रभारी आईएएस विकास गर्ग की ओर से आदेश जारी कर कहा गया है कि निजी अस्पताल बची हुए वैक्सीन को तत्काल वापस करें। वैक्सीन फंड में जमा पैसा सरकार की ओर से अस्पतालों को जल्द जारी किया जाएगा।
हाल ही में पंजाब सरकार द्वारा कोवाक्सिन की 1 लाख शीशियों में से 20 हजार राज्य के निजी अस्पतालों को 1,060 रुपये प्रति खुराक की दर से बेचे जाने का खुलासा हुआ था। सरकार ने इन कोरोना वैक्सीन को 400 रुपये में खरीदा था। सरकार से खरीदी गई वैक्सीन के लिए राज्य के निजी अस्पताल 1560 रुपये वसूल कर मोटा मुनाफा कमा रहे थे।
निजी अस्पतालों को कुल 42,000 टीके दिए गए जो हमने उनसे वापस ले लिए हैं। मुख्यमंत्री ने तुरंत घटना का संज्ञान लिया और निर्णय रद्द कर दिया गया। वैक्सीन की अतिरिक्त कीमत चुकाने वालों को मिलेगी प्रतिपूर्ति: पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू
इस खुलासे पर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया था। मामले को बढ़ता देख शुक्रवार को सरकार की ओर से फैसला वापस लेने का आदेश जारी कर दिया गया। कोविड वैक्सीन टीकाकरण अभियान के राज्य प्रभारी आईएएस विकास गर्ग ने आदेश जारी कर कहा है कि निजी अस्पतालों की ओर से टीकाकरण को लेकर गंभीर लापरवाही बरती गई है। जिसके कारण सरकार निजी अस्पतालों को अब वैक्सीन नहीं बेचेगी। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बची हुई वैक्सीन भी वापस ली जाएंगी। सरकार भी अस्पतालों का जल्द वैक्सीन फंड में जमा पैसा रिलीज करेगी।
गुरुवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पंजाब सरकार पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का आरोप लगाया था। मामले को गंभीर बताते हुए सुखबीर ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी। शिअद प्रधान ने पंजाब के लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने सफाई दी कि उनका टीकों पर नियंत्रण नहीं है। वे सिर्फ उपचार, परीक्षण, कोरोना के नमूने और टीकाकरण शिविरों को देखते हैं। इन आरोपों की जांच करवाई जाएगी। वे खुद भी मामले की जांच कर सकते हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कैप्टन टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही वजह है कि पंजाब में टीकों की कालाबाजारी जोरों पर है। पंजाब सरकार भी केंद्र से मिलने वाले मुफ्त टीकों की खुराक को 1060 रुपये में निजी अस्पतालों को बेच रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार के प्रयासों से देशभर में 22.10 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। वहीं कांग्रेस शासित राज्यों द्वारा कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी व वैक्सीन की बर्बादी कर टीकाकरण अभियान को धीमा करने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी को दूसरों को नसीहत देने से पहले कांग्रेस शासित पंजाब को देखना चाहिए। जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार को कोवाक्सिन की 1.40 लाख डोज 400 रुपये की दर पर उपलब्ध करवाई गई थी। पंजाब में इसे बीस निजी अस्पतालों को एक हजार रुपये की दर से दे दिया।
साभार :- अमर उजाला